Government of India has permitted the beginning of a fresh
credit linked subsidy programme called Prime Minister’s Employment Generation
Programme (PMEGP) by merging the two schemes that were in operation till
31.03.2008 namely Prime Minister’s Rojgar Yojana (PMRY) and Rural Employment
Generation Programme (REGP) for generation of employment opportunities through
establishment of micro enterprises in rural as well as urban areas. PMEGP will
be a central sector scheme to be administered by the Ministry of Micro, Small
and Medium Enterprises (MoMSME).
The Scheme will be implemented by Khadi and Village
Industries Commission (KVIC), a constitutional organization under the
administrative control of the Ministry of MSME as the single nodal agency at
the National level. At the State level, the Scheme will be implemented through
State KVIC Directorates, State Khadi and Village Industries Boards (KVIBs) and District Industries Centers
(DICs) and banks.
The Government subsidy under the Scheme will be routed by
KVIC through the identified Banks for final distribution to the beneficiaries /
entrepreneurs in their Bank accounts. The Implementing Agencies, namely KVIC,
KVIBs and DICs will associate reputed Non Government Organization
(NGOs)/reputed autonomous institutions/Self Help Groups (SHGs)/ National Small
Industries Corporation (NSIC) / Udyami Mitras empanelled under Rajiv Gandhi
Udyami Mitra Yojana (RGUMY), Panchayati Raj institutions and other appropriate
bodies in the implementation of the Scheme, particularly in the area of recognition
of beneficiaries, of area detailed possible projects, and providing training in
private enterprise development.
Scheme Name: pradhan mantri rojgar srijan karyakram (प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम)
Department name : UP
Khadi and Gramodyog board
Scheme starting Date : 1 April 2008
Scheme last date –
Scheme type : Central / state / district / Other Central
level
Brief Introduction:
government provides fund upto 25
lakh under the Pradhan mantri rozgar srijan yojana. Total
25% fund / anudan for proposed project provided for general category and 35%
fund provided for Reserved category beneficiary.
Eligibility criteria:
age limit: minimum 18 years
Education qualification: minimum class 8th qualified Unemployed candidates and traditional workman, and interested in self employment male and female are eligible for this scheme.
Special benefit will be given for sc, st , obc , minorities
,physical handicapped candidates , general category , farmer, bpl apl etc
How to apply : all eligible candidates can fill application
form online at the official website PMEGP which is www.pmegp.in you can also fill application form
at the official website of kvic online www.kviconline.gov.in
Official website of up kvib is http://upkvib.gov.in/
उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा जिला सेक्टर की मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग की प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना (http://www.kvic.org.in/)
संचालित की जा रही है जिनका संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है:-
क्र०
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विवरण के बिन्दु
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मुख्य मंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना
(जिला सेक्टर) |
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
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1.
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वित्तपोषण का माघ्यम
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राष्ट्रीय/क्षेत्रीय ग्रामीण/सहकारी बैंक
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राष्ट्रीय/क्षेत्रीय ग्रामीण/बैंक
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2.
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ऋण की अधिकतम सीमा
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रू० 10.00 लाख
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रू०
25.00 लाख
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3.
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उद्यमी का अंश
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परियोजना लागत का 10%
आरक्षित वर्ग के लिए 5% (अनु० जाति/जनजाति,
पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक,महिला,विकलांग एवं भूवपूर्व सैनिक हेतु)
|
सामान्य लाभार्थियों हेतु 10% तथा अनु० जाति/जनजाति,
पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक,महिला,विकलांग एवं भूवपूर्व सैनिक हेतु 5%
|
4.
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ऋण पर ब्याज
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आरक्षित वर्ग हेतु 0% ऋण पर ब्याज
सामान्य वर्ग हेतु बैंक द्वारा निर्धारित
|
बैंक द्वारा निर्धारित
|
5.
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उद्यमी द्वारा देय ब्याज
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सामान्य वर्ग -
4%
आरक्षित वर्ग -
0%
|
बैंक द्वारा निर्धारित
|
6.
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ब्याज उपादान
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सामान्य वर्ग -
4% से अधिक
आरक्षित वर्ग - पूर्ण ब्याज पर छूट
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--
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7.
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ऋण वसूली की अवधि
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बैंक द्वारा निर्धारित
|
बैंक द्वारा निर्धारित
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8.
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मार्जिन मनी सब्सिडी
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--
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सामान्य वर्ग के लिए रू०
25.00 लाख
तक
की
परियोजना लागत पर 25% एवं अन्य आरक्षित वर्गो के लिए 35%
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9.
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आवेदन पत्र की उपलब्धता
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जिला ग्रामोद्योग कार्यालय
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जिला ग्रामोद्योग कार्यालय
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10.
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ऋण आवेदन पत्र के साथ
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ऋण आवेदन पत्र की दो प्रति
|
ऋण आवेदन पत्र की दो प्रति
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11.
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अपेक्षित प्रपत्र
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शैक्षिक/तकनीकी योग्यता/ प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट साईज फोटो उद्योग की बुकेबुल परियोजना ऋण की सुरक्षा हेतु जमानत के साक्ष्य आयु सीमा प्रमाण पत्र
|
शैक्षिक/तकनीकी योग्यता/प्रशिक्षण प्रमाण पत्र ग्राम प्रधान का प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साईज फोटो, उद्योग की बुकेबुल परियोजना ऋण की सुरक्षा हेतु जमानत के साक्ष्य आयु सीमा के प्रमाण पत्र
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नोट:- उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड से आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु सम्बन्धित जिले के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी/परिक्षेत्र
में परिक्षेत्रीय अधिकारियों से सम्पर्क कर पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, तथा बोर्ड मुख्यालय 8-तिलक मार्ग, लखनऊ से भी सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है।
ग्रामीण औद्योगीकरण के क्षेत्र मे उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड की अहम भूमिका है। इसका सीधा सम्बन्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था,
अनुसूचित जाति/ जन जाति/, अल्पसंख्यक, महिलाओं, विकलांग, भूतपूर्व सैनिक एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान से है।
ग्रामीण क्षेत्र में आज भी परम्परागत कौशल को बढ़ावा देने से विकास की अच्छी सम्भावना है। ग्रामीण अंचलों के शिक्षित बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षित करके उन्हें अपने ही गाँव में मनपसन्द उद्योग स्थापित करने में बोर्ड आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
उ०प्र० खादी तथा ग्रामोद्योग द्वारा दी जाने वाली सहायता सुविधा हेतु निम्न पात्र है:-
- पंजीकृत ग्रामोद्योगी सहकारी समितियाँ।
- पंजीकृत स्वयं सेवी संस्थाएं।
- व्यक्तिगत उद्यमियों के साथ-साथ शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों, महिलाओं, अनुसूचित जाति व जनजाति के सदस्य एवं परम्परागत कारीगर।
सहायता किन ग्रामीण उद्योगों हेतु दी जाती है?
खादी ग्रामोद्योग को 7 समूहों में बांटा गया है, जिसके अन्तर्गत निम्नलिखित उद्योग आते है:-
- खनिज आधारित उघोग:-
- कुटीर कुम्हारी उद्योग।
- चूना पत्थर,चूना सीपी और अन्य चूना उत्पाद उद्योग।
- मन्दिरों एवं भवनों के लिए पत्थर कटाई, पिसाई,नक्काशी तथा खुदाई।
- पत्थर से बनी हुई उपयोगी वस्तुएं।
- प्लेट और स्लेट पेंसिल निर्माण।
- प्लास्टर आफ पेरिस का निर्माण।
- बर्तन धोने का पाउडर।
- जलावन के ब्रिकेट्स।
- सोना चाँदी, पत्थर सीपी और कृत्रिम सामग्रियों से आभूषणों का निर्माण।
- गुलाल, रंगोली निर्माण।
- चूड़ी निर्माण ।
- पेंट, रंजक, वार्निश और डिस्टेम्पर निर्माण।
- काँच के खिलौने का निर्माण।
- सजावटी शीशे की कटाई, डिजाइनिंग, पालिशिंग।
- रत्न कटाई।
- वनाधारित उद्योग:-
- हाथ कागज उद्योग।
- कत्था निर्माण।
- गोंद और रेजिन निर्माण।
- लाख निर्माण।
- कुटीर दियासलाई उद्योग, पटाखे और अगरबत्ती निर्माण।
- बांस और बेंत कार्य।
- Government Scheme of Uttar pradesh and central government
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